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चैत्र नवरात्रि 2025 व्रत गाइड: लाभ, नियम और दिनवार उपवास विधि

चैत्र नवरात्रि के दौरान उपवास को आध्यात्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह न केवल धार्मिक परंपरा है बल्कि शरीर को डिटॉक्स करने और मन को शुद्ध करने का एक प्रभावी तरीका भी है। नौ दिनों तक चलने वाले इस व्रत में सात्विक (शुद्ध) आहार का सेवन किया जाता है, जिससे शरीर और आत्मा दोनों का कल्याण होता है।

इस ब्लॉग में हम नवरात्रि व्रत के नियमों, इसके स्वास्थ्य लाभों और दिनवार उपवास गाइड को विस्तार से समझेंगे, जिसमें क्या खाएं और किन चीजों से बचें, इसकी जानकारी दी गई है।


चैत्र नवरात्रि में उपवास क्यों करें?


आध्यात्मिक महत्व - 

  • उपवास के माध्यम से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त की जाती है और आध्यात्मिक ऊर्जा को जागृत किया जाता है।

  • यह मानसिक स्पष्टता, आत्म-अनुशासन और भक्ति को बढ़ाने में सहायक होता है।

  • उपासक इस दौरान दुर्गा सप्तशती या देवी महात्म्य का पाठ कर देवी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

स्वास्थ्य लाभ - 

  • शरीर को डिटॉक्स करता है – पाचन तंत्र से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।

  • मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है – वजन घटाने और पाचन क्रिया में सुधार करता है।

  • इम्यूनिटी मजबूत करता है – व्रत के दौरान सेवन किए जाने वाले प्राकृतिक खाद्य पदार्थ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।

  • ऊर्जा संतुलित रखता है – हल्के और पोषणयुक्त आहार के सेवन से थकान महसूस नहीं होती।

नवरात्रि व्रत के नियम


अनुमोदित आहार

✅ फल: केला, सेब, पपीता, अनार
✅ मेवे: बादाम, काजू, किशमिश
✅ डेयरी उत्पाद: दूध, पनीर, घी, दही
✅ अनाज: सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा, राजगिरा आटा
✅ सब्जियाँ: आलू, कद्दू, गाजर, लौकी
✅ प्राकृतिक मिठास: गुड़, शहद
✅ सेंधा नमक का उपयोग करें (साधारण नमक वर्जित)


निषिद्ध आहार

❌ प्याज और लहसुन (तामसिक माने जाते हैं)
❌ गेहूं, चावल, मैदा जैसे सामान्य अनाज
❌ दालें और अनाज
❌ मांसाहार और शराब
❌ प्रोसेस्ड फूड और परिष्कृत चीनी



दिनवार नवरात्रि व्रत गाइड


पहला दिन: माता शैलपुत्री (ऊर्जा और शुद्धता)

मंत्र  - ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः
व्रत आहार - साबुदाना खिचड़ी, मखाना खीर, फल
स्वास्थ्य टिप - पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के लिए गुनगुने पानी और शहद से व्रत प्रारंभ करें।


दूसरा दिन: माता ब्रह्मचारिणी (भक्ति और ज्ञान)

मंत्र -  ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
व्रत आहार -  कुट्टू का डोसा, उबले आलू, छाछ
स्वास्थ्य टिप - नारियल पानी और नींबू पानी से हाइड्रेट रहें।


तीसरा दिन: माता चंद्रघंटा (साहस और सौंदर्य)

मंत्र - ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः
व्रत आहार - सिंघाड़े के आटे की रोटी, आलू सब्जी, राजगिरा लड्डू
स्वास्थ्य टिप - शरीर में प्रोटीन बनाए रखने के लिए पनीर या दही का सेवन करें।


चौथा दिन: माता कूष्मांडा (स्वास्थ्य और ऊर्जा)

मंत्र -ॐ देवी कूष्मांडायै नमः
व्रत आहार - सामक चावल, मूंगफली करी, लस्सी
स्वास्थ्य टिप - अपच से बचने के लिए मखाने जैसे फाइबरयुक्त खाद्य पदार्थ खाएं।


पाँचवां दिन: माता स्कंदमाता (मातृत्व और पोषण)

मंत्र -ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः
व्रत आहार - शकरकंद चाट, कुट्टू पराठा, छाछ
स्वास्थ्य टिप - ऊर्जा और पाचन के लिए घी का सेवन करें।


छठा दिन: माता कात्यायनी (युद्ध देवी)

मंत्र -ॐ देवी कात्यायन्यै नमः
व्रत आहार - कुट्टू पूरी, आलू करी, सेब की खीर
स्वास्थ्य टिप - तला-भुना खाने से बचें, भुने या उबले खाद्य पदार्थ खाएं।


सातवां दिन: माता कालरात्रि (रक्षक शक्ति)

मंत्र -ॐ देवी कालरात्र्यै नमः
व्रत आहार - केले के चिप्स, राजगिरा चिक्की, साबुदाना थालीपीठ
स्वास्थ्य टिप - ऊर्जा स्तर बनाए रखने के लिए नियमित अंतराल पर छोटे-छोटे भोजन करें।


आठवां दिन: माता महागौरी (शुद्धता और शांति)

मंत्र -ॐ देवी महागौर्यै नमः
व्रत आहार - लौकी हलवा, व्रत के चावल, व्रत समोसा
स्वास्थ्य टिप - तुरंत ऊर्जा के लिए सूखे मेवों का सेवन करें।


नौवां दिन: माता सिद्धिदात्री (दिव्य शक्तियों की दाता)

मंत्र - ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः
व्रत आहार - नारियल पानी, कुट्टू हलवा, फल
स्वास्थ्य टिप - उपवास समाप्त करने के लिए हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन लें।



नवरात्रि व्रत कैसे खोलें?


नौ दिनों के उपवास के बाद इसे सही तरीके से समाप्त करना आवश्यक है:

  • गुनगुने नींबू पानी या नारियल पानी से शुरुआत करें।

  • हल्का सात्विक भोजन लें (जैसे खिचड़ी या उबली सब्जियाँ)।

  • तुरंत भारी, तला-भुना या मसालेदार भोजन न खाएँ, वरना पाचन में दिक्कत हो सकती है।

निष्कर्ष

चैत्र नवरात्रि का उपवास एक पवित्र और अनुशासित प्रक्रिया है, जो आध्यात्मिक और शारीरिक दोनों रूप से लाभकारी होती है। सही आहार दिशानिर्देशों का पालन कर हम इस शुभ समय में ऊर्जा संतुलन, डिटॉक्सिफिकेशन और मानसिक स्पष्टता प्राप्त कर सकते हैं।

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